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सूर्य को अर्घ्य देकर नव विक्रमी संवत 2081 का स्वागत किया गया।

पिंजौर (चन्दरकान्त शर्मा)। सेंट विवेकानंद मिलेनियम स्कूल, एचएमटी टाउनशिप, पिंजौर द्वारा सूर्य को अर्घ्य देकर नव विक्रमी संवत 2081 का स्वागत किया गया। प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को भारतीय नववर्ष मनाया जाता है। ऐसे ही संपूर्ण भारत में पोंगल, बिहू तथा ओणम के नाम से जाना जाता है। आज ही के दिन 57 ईसवी पूर्व अखंड भारत के सम्राट विक्रमादित्य का राजतिलक किया गया था तथा उन्होंने ही विक्रमी संवत चलाया था, किंतु नव वर्ष को मनाने की परंपरा प्राचीन काल से ही रही है। अद्भुत ऋतु परिवर्तन के माध्यम से प्रकृति भी इस समय ही नववर्ष का स्वागत करती है।
प्राचीन परंपराओं के वैज्ञानिक महत्व को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से विद्यालय द्वारा भारतीय नववर्ष के अवसर पर विद्यालय में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में छात्रों एवं सभी अध्यापकों ने भाग लिया । सर्वप्रथम विद्यालय के आचार्य द्वारा नव संवत्सर के महत्व को बताया गया। इसके बाद सभी ने मंत्रोच्चारण करते हुए भगवान भास्कर को पुष्प, तिलक, फूल एवं मिष्ठान मिश्रित अर्घ्य प्रदान किया। इसके बाद सभी ने मिलकर भगवान सूर्य से सभी के आरोग्य की कामना की।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्या डॉ पीयूष पुंज द्वारा सभी को शुभकामनाएं दी गई। आज के दिन के पौराणिक एवं वैज्ञानिक महत्व से अवगत करवाते हुए बताया कि सूर्य को अर्घ्य देते समय जल से निकलने वाली किरणें हमारे मस्तिष्क को एकाग्र तथा शरीर को संतुलित करती हैं।

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